हँसी में है वो मज़ा,
जिसमें है हमारा सब कुछ ढला।
हंसी की ठहाके, हंसी का जोर,
हंसी ही है हर दुख का सोर।
कहीं चिड़िया, कहीं बतिया,
हंसी सबकी मिला करती है राह।
कभी सड़ जाने, कभी चूहों की भागदौड़,
हंसी ही है उनका राज़ खोलने की किड़ख***।
हंसी के मूड में रहे हमेशा,
क्योंकि हंसी भले ही हो बेपरवाह।
हंसी भरी जिंदगी का सफर,
हंसी से ही भरा है हमारा दिल का क़रार।
-कवि लोकेश
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