टूटना
दिल के कोनों में छुपा था एक सपना,
तेरा मेरा रिश्ता, था जैसे एक चाँद का बना।
हसीन लम्हों में खोया, प्यार की मीठी बातें,
अब सब कुछ अधूरा, बस रह गईं यादें।
तेरी हंसी में बसी थी, मेरी सारी खुशियाँ,
अब वो हंसते चेहरे में, छुपी हैं गम की परछाइयाँ।
वो प्यार के वादे, वो गहराइयों की बातें,
अब तो बस ख़ामोशी है, और बिछड़ने की रातें।
दिल की हलचलें अब भी हैं, पर तू दूर है,
सोचता हूँ मैं अक्सर, क्या यह भी जरूरी है?
खुद को संभालने की, अब नई राहें चुन ली,
तेरे बिना जीने की, कुछ उम्मीदों से भर ली।
तोड़ा जो रिश्ता, वो यादों का साया,
खुशियों की तलाश में, अब चलना है साया।
तू जहां भी हो, तेरा नाम लूँ जुबां पर,
बाहों में भले ही न हो, पर तू रहेगा दिल के अंदर।
-कवि लोकेश
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