विच्छेद: दिल की दरार


कोई कहता था इश्क में खुशी है,
पर क्या करें जब वही इश्क हमें रुलाये।

तुम्हारी यादों से जुदा होना तो कठिन है,
कोई कहता है वक़्त है सब कुछ ठीक कर देगा।

पर दिल की सुनती नहीं वो पलकों की चाह,
तोड़ दिया उसने दिल की सिल सिलाह।

तूने हमें छोड़ दिया एक अजनबी के साथ,
याद आती है हर वो पल जब थी हमारी रात।

खुदा से पूछा तुम्हारे लिए मेरी दुआएं क्यों नहीं काम आई,
वो कहता है कि तुम्हारा सच्चा प्यार मिल जाए।

पर दर्द तो है इस इश्क का,
जो तुम्हारे बिना है बेरहम सा।

कोई नहीं सुनता है दर्द-ए-दिल की बात,
सबको लगता है तुम्हें भूल जाना चाहिए हर बार।

मगर कैसे भुला सकूँ तुम्हें जो मेरे दिल का हिस्सा हो,
बिना तुम्हारे मेरी ज़िंदगी अधूरी सी लगती हो।

ये हमारा विचार है कि प्यार का असली अर्थ है,
दर्द और दुःख को सहन करना और दिल को झेलना है।

इस इश्क की अदायें अब किसी और के साथ,
पर तेरी यादों का साथ जिएंगे अपनी आखिरी सांस तक।

बस एक ख्वाब की तरह हम तेरे ख्यालों में खोए रहेंगे,
पर कभी न कभी फिर तुझसे मिलने की ये राह पर हम चले जाएंगे।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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