विच्छेद के आंसू (Tears of Breakup)


तन्हाई में सोचता हूँ,
तेरी यादों के साथ,
कैसे हो गया ये सब,
हमारे बीच का वास्ता।

दिल के तुकड़े हैं,
जो अब भी जुदा हैं,
तूने छोड़ दिया हुमें,
जिंदगी के इकरार में।

तेरे दर्द को भुलाने,
मैं तो कोशिशें करूं,
पर ज़िंदगी ने दिया,
सिखा दिया अरमान छोड़ूं।

कुछ न कुछ बचा है,
उस वक्त के ख्वाब,
खोती जा रही हूँ,
मैं भूल कर तुझे सब।

जीती रहूंगी मैं,
अपने ही साथ में,
वक़्त निकलता रहेगा,
बस ख्वाबों की रात में।।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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