अलविदा कहते हुए तुम्हें,
मेरी जिंदगी से निकाल लिया है।
कितना मुश्किल है ये जीना,
तुम्हारे बिना ये दिल नहीं मालूम कैसे जिएगा।
वादा था साथ चलने का,
पर तुमने तो अपने हाथ छोड़ दिए।
मेरे लिए ये तूफान है,
तुम्हारी खोई हुई यादों के साथ।
कैसे भुलाऊं तुम्हें,
कैसे मिटाऊं तुम्हें,
दिल के दर्द को,
कैसे भुला पाऊं तुम्हें।
अलविदा कहते हुए तुम्हें,
मेरी जिंदगी से निकाल लिया है।
-कवि लोकेश
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