बिछड़ने का दर्द


वो ख्वाब बिखर गए,
जुदाई के आंसू हमें तड़पा गए।
दर्द भरी रातें, उनकी यादों में डूबे,
कितनी तड़प, कितनी चुप्प।

दिल टूटा, जीवन अधूरा,
कैसे भूलें उनकी मोहब्बत का जललूरा।
क्यों करें इतना दर्द सहना,
क्या था कुछ कम इन अलविदा का समय आना।

सपनों की रानी अब दूर चली गई,
वो पलकों की छांह अब मिली ही नहीं।
झुलसती यादें, चुभ जाती हैं दिल में,
अब इस अद्भुत ख्वाब का होना क्या है मतलब जाने बिना।

वक़्त की बहस में हो गए हम हार,
अब यादें हैं बस उस अवसर।
कुछ तो है ठहराव हमारे बीच,
पर अब उस दिल के तूफ़ान का कैसे करें होटां कल रस्ता साफ़।

ब्रेकअप की गंदी हवा उड़ गई है,
अब उम्मीद है दिल की फिर जीत जाए।
जीने का हौसला अब फिर से बढ़ जाए,
क्योंकि भगवान का है यह कहना, “जीत जाए।”

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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