तेरे बिना ये दिन लगते हैं सुना,
दिल का टूटना, ये जुदाई का गुना।
हर दिन बीतता है तन्हाई में,
तू नहीं है, ये रूह कहाँ खोई।
क्योंकि तेरे साथ मिली थी खुशियाँ,
अब बस यादें हैं जो बूँदों में समाई।
तुझसे मिलने का था सपना,
पर अब है अफसोस, तेरी खत्म हुई हमसे तलाक।
उधार था जो प्यार का संदेश,
अब हो गई ये तुझसे सुन्नी, एक नयी कहानी।
तू चला गया, मेरी जिंदगी से दूर,
मेरे दिल को छोड़कर, दिया मेरी राह की मुड़।
तेरे साथ गुजरी वो पल याद आते हैं,
पर सच ये है कि तू अब मेरे दिल में नहीं बसता।
खत्म हो गई तेरे साथ की मेरी सारी मीठी बातें,
अब है बस ये अलविदा, जो दिल से हो रहा है बोझ।
तुझसे टूटे दिल की गहराई में,
कहीं खो गई हैं मेरी ख्वाहिशें।
पर जिंदगी नहीं खत्म हो गई,
प्यार की एक नई कहानी फिर बनानी है।
दूर होने से तू मेरे पास नहीं,
पर तू मेरे दिल में हमेशा रहेगा।
अब जीना सीख रही हूँ तेरे बिना,
जीनी सिखाती हैं मुस्कानी और हँसना।
तेरे साथ थी हर खुशी, हर ग़म,
अब है सिर्फ ख्वाबों में तेरा आना।
तुझसे जुदा होने की ये सजा है मेरी,
पर अब है मुकदमा मेरी जिंदगी की नई शुरुआत करनी।
तेरी यादों के साथ, अब हम आगे बढ़ेंगे,
क्योंकि प्यार कमजोर नहीं, हार नहीं मानेंगे।
-अनोनीमस
-कवि लोकेश
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