प्रेरणा: जीवन की ऊंचाइयों को छूने का स्रोत


विचारों की ऊंचाइयों पर ले जाती है ओट,
जीवन की सभी समस्याओं को हल करने में है ये जड़।

सपनों की उड़ान को दिखाती है स्वर्गीय मुस्कान,
उठो, चलो, करो अपनी मंजिल की तलाश में एक नई शुरुआत।

जीवन के सफर में हमेशा रखो अपनी नजर,
सपनों को पूरा करने में है मिलने वो सहारा।

कभी हार ना मानो, कभी रुको ना जिम्मेदारी से,
उठो, चलो, बढ़ो आगे, बनो अपने आसमान में तारा।

इसी आशा और जोश से जलता है हमारा मन,
जिगर के तोते खोलो, पाओ अपनी मंजिल का ज्ञान।

सोचो मत कि समय के साथ हम हार जायेंगे,
जीवन की हर मुश्किल को हम पर कद्र उठाएंगे।

इसी जज्बे से जुड़कर तुम निकलो आगे,
वो दिन भी आएगा, जब तुम बनोगे युग का हारी।

-कवि लोकेश


Discover more from Kavya Manthan

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from Kavya Manthan

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading