
प्रेरणा का दीप
हर सुबह एक नई किरण,
चमके जब आसमान में,
सपनों की खिड़की खोलकर,
बढ़ चले हम जुनून में।
हार और जीत का क्या है,
असली जीत तो है कोशिश में,
यदि ठान लो मन से,
तो जीत है हर सांस में।
मधुर संगीत सी हैं राहें,
रोकती नहीं कोई बाधा,
उठो, दौड़ो, मत रुकना,
मन में हो अगर साहस कड़ा।
हर संघर्ष है यहाँ सिखाता,
जीवन का सीखने का रास्ता,
जो आगे बढ़ता, वो ही पाता,
खुद पर विश्वास है बड़ा।
असफलता से न डरना,
हर गिरने पर उठना,
जीवन की इस रंगीन यात्रा में,
हर पल को जीना, फिर हंसना।
प्रेरणा की इस अद्भुत धारा,
हर दिल में जगाती नयी आशा,
चलो मिलकर करें हम सृजन,
सपनों को दें प्रगति का रंग।
-कवि लोकेश
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