जीवन की धूप में, मंजिल की ऊँचाई,
हर क्षण देती है मुझे, नई रह की भांवाजी।
आशा की किरणें, मन को उठाती है मेरा उत्साह,
हर संकट को हराकर, मिलती है मुझे नयी राह।
जो सपनों को पंख लगाती है, वो है मेरी प्रेरणा,
हर मुश्किल को आगे बढ़ाकर, कर देती है मेरा अभिमान।
उठो, चलो, बढ़ो, मुझे है तुम्हारी आवश्यकता,
होगा सफलता तुम्हारी, जब पाओगे मेरी सहायता।
सोचो नहीं, करो जिसका सपना तुमने सजाया,
जब लड़ोगे, जीतोगे, तो होगी मुझसे मिलाया।
इंस्पिरेशन मिलता है हर वो कठिनाई से,
जो संघर्ष करके उन्हें हसील करते हैं वे।
-कवि लोकेश
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