
प्यार का रस
तेरे बिना अधूरी है हर सांस,
प्यार की झिलमिल में, तेरा है एहसास।
तेरी मुस्कान से खिलता है मेरा जहान,
तेरी आँखों में बसी, मेरी हर पहचान।
चाँदनी रातों में, जब तू संग हो,
हर लम्हा जादुई, हर पल रंगीन हो।
तू मेरी दुआ, तू मेरी ख्वाब,
तेरे बिना हर खुशी, लगती है खराब।
तेरी बातों में बसता है सुकून,
तेरे प्यार में छिपा है, मेरा हृदय का जूनून।
सपनों की बुनाई में, तेरा ही नाम है,
हर एक कहानी में, तेरा ही संग है।
प्यार का ये रिश्ता, सच्चाई का है रंग,
तेरे बिना संसार में, कुछ भी नहीं संग।
चल हाथ थाम लें, इस यात्रा पर,
प्यार की इस राह में, मिलेंगे हम हर डगर।
-कवि लोकेश
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