तुम से मिलकर जाने का अलग मज़ा था,
तुम्हारे साथ गुज़रा हर पल नज़ा था।
प्यार का इशारा था तुम्हे पाया,
गुस्से की चिंता ने छिपकर बिगड़ाया।
वो दिन याद है जब हम मिले थे,
तुम्हारी हर मुस्कान में मैं खो गए थे।
पर अब तो तुम मेरे पास नहीं हो,
मेरे दिल में तुम्हारी जगह नहीं है को।
ये ब्रेकअप का दर्द देता है सिखायी,
कि प्यार सिर्फ होने के नाम से नहीं बनता।
अब सिर्फ खुश रहो सब कुछ भूल जाओ,
तुम्हारी यादों से आज हमको ही भूल जाओ।
-कवि लोकेश
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