तुमने कहा था मेरे बिना जीना मुश्किल होगा,
पर जी रहा हूँ, जीना सीखा हूँ।
तुमने छोड़ दिया मेरी खुशियों की परवाह किये बिना,
मेरी दुनिया में पर्वत सा गिरा हो जैसे।
तुमने कहा था हम साथ में सारी उम्र बिताएंगे,
पर हमने भावनाओं का सफर कर लिया।
तुमने तो मेरे दिल को तोड़ दिया,
मगर तुम्हें सोचकर कुछ अच्छा लगा।
अब वक़्त को देख रहा हूँ,
देश-विदेश जी भर मोहब्बत कर रहा हूँ।
अलविदा कहकर मेरी रातें सुबह हो गई,
और मैंने नया दिन शुरू कर दिया।
ये तो बस एक टूटी हुई मोहब्बत की कहानी है,
जिसमें दर्द था, मगर सीख मिली।
अब मैं अकेला नहीं हूँ,
मैंने खुद को पहचान लिया है।
अलविदा।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.