तेरे बिना
तेरे बिना ये चाँदनी रात अधूरी,
तेरे बिना हर धड़कन है नज़दीकी, जियें हम कैसे, ये पल हैं बेगाने,
तेरे ख्वाबों में खोई, मैं हूँ तेरा साया,
तेरे बिना जीवन, जैसे ताल हैं सूने।
तेरी यादों की महक से महके ये जहाँ,
तेरी हंसी से रोशन हो हर एक नज़र,
तेरे नर्म लफ्ज़ों में बसी हैं खुशबू,
मेरे दिल के हर कोने में, हैं तेरा बसेरा।
जब भी तेरा चेहरा आँखों में लूँ सजाकर,
दिल मेरा मचल जाए, सजदा करूँ तुझको,
तेरे साथ बिताए लम्हे, हैं मेरे लिए सोने,
तू हो पास, तो चुराने लगे हैं ये फिजाएं।
तेरी बाहों में बिलकुल लिपट कर,
जैसे बहार मिले सर्द रातों से,
खुदा से भी तुझे मैंने मांगा है,
तू हो जब साथ, तो यह बदला मौसम भी।
तेरा इश्क है जैसे गहरा सागर,
हर लहर में छुपा हो एक नया जादू,
तेरे बिना मैं, हूँ तन्हा इक ख्वाब,
तेरे संग जी पाऊं, बस यही है मेरा नसीब।
हर सुबह तेरा इंतज़ार, हर शाम तेरा ख्याल,
दिल की धड़कनों में बसा है तेरा सवाल,
क्या तुम कभी आओगे, इस दिल की ज़मीं पर?
तेरे बिना ये जज़्बात, हैं सुनसान हर हाल।
इस प्यार की दास्तान, मैं कह दूं तुझे,
तेरे संग ही है मेरी हर ख्वाहिश का सफ़र,
तेरे नाम से ही रोशन हैं मेरे अरमान,
तेरे बिना बेकार हैं जिन्दगी के गहरे समंदर।
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.