उठो और चलो, नये सपने सजाने को,
अपनी मंजिल को हासिल करने को।
तुम्हारी चाह का है साथ मेरी,
तुम्हे मुकामिल करने में मदद करने को।
हर कठिनाई से आगे बढ़ा करो,
सफलता की ओर इंकलाब करने को।
आज है एक नया दिन और एक नयी सुबह,
चुपके से सपनों को पाने को।
आओ मिलकर करें इस जीवन को सजावट,
नयी ऊंचाइयों की ओर इंस्पायर होने को।
-कवि लोकेश
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