तुझसे बर्बादी की सजा पायी है,
तेरे बिना दिल को बेकरारी आयी है।
तेरी यादों में जलते हैं रातें,
तन्हाई में धड़कती है ये बातें।
तूने छोड़ दिया मुझे अकेला,
खुद को संभालना चाहिए था शायद।
प्यार का अभाव दर्द देता है,
तेरे बिना जीना मुश्किल होता है।
मेरी खुशियों को तूने छीन लिया,
मेरे दिल को तूने तोड़ दिया।
पर तेरे बिना ज़िन्दगी का जीना,
मुश्किल है मेरे लिए बिलकुल भी नहीं।
जो इश्क में किया गया वादा,
अब तक निभाने का था इरादा।
पर हमें हो गया है बदनाम,
अब कैसे करें तेरे बिना हम।
अब जीने में कोई मज़ा नहीं,
मेरे और तेरे बीच प्यार का अब नाम नहीं।
बस यादें ही रह गई हैं,
तूने बदल दिया मेरी जिंदगी के रंग।
पर मैं ढूंढता हूँ तेरी ख़ुशी को,
मुझे लगता है ये सजा अब बहुत अधिक हो।
तू नहीं हो पास मेरे,
और ये ज़िन्दगी मेरे बिना फिर भी चल पड़ेगी।
बुझाने में लगेगी कैसे तेरी खुशियाँ,
कैसे जिएगी तू बिना मेरी साथी।
तेरा साथ मुझे बहुत याद आएगा,
पर ये एहसास अब सिर्फ दर्द देगा।
ब्रेकअप की ये कहानी,
अब किसी और के साथ कहीं नहीं।
-कवि लोकेश
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