दिल टूटा है, सपने टूटे हैं,
बेवफा इश्क़ ने हमें लुटे हैं।
सजा था प्यार से सजी हमने दुनिया,
मगर अब आँखों में आंसू छुपे हैं।
क्या करें ये दर्द जो दिल में है,
कैसे मिटाएं जो बात सबसे गहरी है।
प्यार का अंत हुआ, दर्द छल गया,
कुछ रातें बीती, कुछ सपने टूटे हैं।
बड़ी मुश्किल से लिख रही हैं ये शब्द,
पर कुछ कहने को दिल में बसे हैं।
अब मंजिल की तरफ चल पड़े हैं हम,
कुछ दिन तन्हा, कुछ दिन रुट्ठे हैं।
प्यार की कहानी अब खत्म हो गई,
बेवफा ने सच्ची मोहब्बत को तोड़ा है।
दिल टूटा है, सपने टूटे हैं,
बेवफा इश्क़ ने हमें लुटे हैं।
-कवि लोकेश
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