अलविदा का खेल


वादा करते थे हम एक दूसरे से,
प्यार का इकरार करते थे हम एक दूसरे से।

पर क्या हुआ, कहां गलती हो गई,
हमारी मोहब्बत में क्यों एक खालत हो गई।

तुमने कहा अब हमें अलविदा कहना होगा,
मेरे दिल में तोड़ के रख दिया तुमने ये वादा।

कैसे भूला सकूंगा मैं तुझे दिल से,
तेरी चाहत को भुलाना होगा मुश्किल है दिल से।

मेरी सांसों में तेरी खुशबू है अब भी,
मिलने की तमन्ना है मेरी इस दिल में अब भी।

पर तुमने तोड़ दिया मेरा दिल तोड़ कर,
अब मैं अकेला हूँ, दर्द छिपा कर कर कर।

खतम हुआ सफर हमारा एक दूसरे के साथ,
अब भटकते हैं हम अकेले, खुद को खोकर खोकर।।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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