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प्रेम कविता

समानता का मिलन

तुम्हारी यादों की खुमारी में, हर लम्हा मैं खो जाता हूँ, तुम्हारे बिना ये जीने की राह, खुद से भी मैं डर जाता हूँ। तेरी आँखों की चमक, जैसे चाँद की रोशनी, मेरी रातों को सजाती, मेरी खामोशी। तेरी बातें, जैसे मधुर बूँदें बहे, सपनों की उन गलियों में, तुम ही तुम बहे। तुम्हारे साथ […]

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