Breakup Poems

विरह कविता

अलविदा की रात

दिल टूटा है, मन कुछ ना माना, प्यार का रिश्ता है अब तन्हा। आँसू अब भी ना रुके हैं, कितना भी कोशिश करूँ, वो चुप है। एक दूसरे की खता पे बना रहा रिश्ता, कितनी भी मोहब्बत करुँ, हर बार हुआ धोखा। अब दर्द भी सहना मुश्किल है, कोई तोहफा न दे दे, सुना ना […]

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विरह कविता

विच्छेद: दिल की गहराई से

टूटा दिल, टूटी प्यार की यह कहानी, जबसे तुमने कहा अलविदा, मेरे दिल की ज़ुबानी। गुलाब की खुशबू में भी मैं दहल गया, तेरे बिना ज़िन्दगी में सुना सुना सा दर्द चढ़ गया। तेरी यादों के साए में रातें बीती, कभी टूटा हुआ सपना, कभी बिखरी हुई यादें पाई। तू पूरी दुनिया हो गई थी […]

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विरह कविता

विच्छेद के छले

तुम्हें खोने का गम अब नहीं सह पा रहा, मेरे दिल का दर्द हर पल कह रहा। तुम्हारे बिना जीना अब मुश्किल हो गया, मेरे सहारे बिना धरा में खो पड़ा। तेरी यादों का साथ हमेशा होता रहेगा, पर एक अज्ञात सफर पे हमें जाना पड़ेगा। लेकिन जिंदगी की राहों में तुम्हें भूल पाना मुश्किल […]

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विरह कविता

दुखभरी अलविदा

तुम्हारा मेरे दिल में समाया था, जैसे तारे आसमान में चमके थे। हमारी मुलाकातों में था जो कभी गुनगुनाहट, वो अब बन गया है एक गहरी तन्हाई की राह। तुम्हारी नगरी में हर कोने में मेरा था ध्यान, पर अब तुम्हारे दिल में बस दरारें हैं। वादों का तेवर जो था सब कुछ सच लगता […]

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विरह कविता

विच्छेद के अल्फाज

तेरे साथ रहना था मेरी किस्मत में, पर तू ने मुझे छोड़ दिया अपने हिस्से में। आंसुओं से भरी रातें गुजरी, तेरे बिना जीना अब मुझे अच्छा नहीं लगे। क्यों किया तू ने मुझे धोखा, मेरे दिल को तोड़कर क्यों चला गया है तू रोका। कितनी यादें हैं तुझे भूलाने की कोशिशों में, पर तेरा […]

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विरह कविता

ब्रेकअप के दर्द की कहानी (The story of the pain of breakup)

तुम्हारे बिना ये दिल बेहल रहा है, तुम्हारी यादें हर कोने में छाई है। दिल के दर्द को कैसे बताऊं, तुम्हारे बिना हर दिन सताए है। मोहब्बत का वादा था हमने किया, पर तुमने क्यों हमें छोड़ दिया। ब्रेकअप की ये पहली बर्फी रात है, तुम्हारे बिना ये जीवन विरान सा लगता है। दिल में […]

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विरह कविता

विचार-विमुख बंधन

तेरे साथ सजना, दिन रात गुजारना, क्यों हुआ हमारा दुसरा? तेरी बिना सुना, दिल मेरा है उदास, तू चली गई, छोड़ गई मेरी ये जान किसके लिए? कैसे भूला दूँ, तेरी हंसी और मुस्कान, तेरी यादों में हूँ मैं दुखी और अकेला, तू हो छोड़ कर गई, मेरा हाल बुरा, क्यों किया तू इतना बुरा? […]

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विरह कविता

प्यार का विभाजन

तेरे जाने के बाद हमने खो दिया अपना सच्चा प्यार बिखर गये हमारे सपने और बढ़ गया ये दर्द का अंधेरा तेरे बिना जीना सख्त हो गया तेरी यादों में हमने रो रो कर जीना सिख लिया है पर दिल अब भी तेरी यादों के साथ है तेरे बिना जीना मुश्किल है पर तुझसे मोहब्बत […]

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विरह कविता

विच्छेद के दर्द

तेरे इश्क में मेरी रौशनी खो गई, तेरे बिना मेरा जीना फिर से दर्दनाक हो गई। तू ने तोड़ दिया मेरा दिल बिना किसी वारणा, अब तू मेरी दुआओं में भी नहीं है हर रोज़ याद करना। चाहा था मैंने केवल तुझे प्यार, पर तू चली गई मुझे अपने पास ही फेंकर। वो दिन थे […]

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विरह कविता

विच्छेद: तबाही की राह

तेरे बिना जीना सजना, ये दिल है तेरे लिए तरसा, तूने मुझे छोड़ दिया अब, मेरी जिंदगी में आया सुना। क्यों की अब तू दूर चला, मेरी यादों में उँस चला, कैसे सह सकूं मैं ये दर्द, तेरे बिना क्या जी सकूं सक्रैर्ड। तूने तोड़ दिया दिल मेरा, मेरी ताक़ते छीनी है तेरा, कैसे भूला […]

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