Breakup Poems

विरह कविता

विचोड़ की दरार

तुम्हारे बिना जीना आसान नहीं, तन्हाई में धड़कनें सुनाई नहीं। तुमने तोड़ दिया दिल मेरा, दर्द की गहराई में खो गया हूँ। क्या कहूं जो मेरी बात सुनो, मन करता है दिल का हाल भांता हूँ। तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी है, कभी फिर से मुस्कान ढूंढता हूँ। यादें हैं तुम्हारी मेरे दिल में, क्या करूं […]

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विरह कविता

विच्छेद का दर्द (Vichhed ka Dard)

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है, जब से तुमने कहा अलविदा, लगे बस वहीं मौत यह हाल है। मेरे मन को भीगो दिया तुमने, बिना कुछ कहे ही मेरे साथ कोई अपराध धो दिया तुमने। तुम्हें याद करने का हक भी छीन लिया, लगता है मेरी तन्हाई ने मेरी ही परवाह उड़ा दी। तुम्हारे जाने के […]

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विरह कविता

विच्छेद: दर्द और आशा

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल हो रहा है, कैसे कहूँ की खुद को बचा लूँ, वादों की कसम न तोड़ूंगा, कर दी है तुमने एक ही मौका छूरी से देने का। मेरे दिल को छोड़कर तुमने, सब कुछ बीत छुका है काले अंधेरों में, सारी यादें अब मेरे डरावने ख्वाबों में, तोड़ दिया है था तुमने […]

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विरह कविता

विच्छेद की विनाशिका

तन्हाई में बैठा हूं, दिल बेकरार है तेरी यादें मेरे दिल को तड़पा रही हैं क्यों छोड़ गई तू मुझे यूं तन्हा, मेरे दिल को लगा गहरा दर्द तेरे जाने से है। क्या थी वो गलती जो मैंने की थी, क्यों तूने मुझे छोड़कर दिया तन्हा। मेरी आँखों में आंसू छुपा हैं, तेरी यादों में […]

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विरह कविता

विचलित विचार (Vichlit Vichar)

तुम मुझसे कह दिया खतम, अब कोई रास्ता नहीं है हम। तुम्हारी यादों में डूबा हूँ, तनहाई में सोचता हूँ। क्यों तोड़ दिया मेरा दिल, क्यों खेल गई ये खेल। कोई नहीं सुनता मेरी फरियाद, कोई नहीं समझता मेरी ज़िद। पल भर में बिखर गये सपने, अब बस रह गई खुशियां कम। इस तूफान में […]

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विरह कविता

विच्छेद के दर्द भरे रास्ते

तुम्हारी नजरों में दर्द छुपा था, मेरी आँखों में आंसू थे बसा थे। हमने किया था वादा एक साथ चलने का, पर भूल गए थे सफ़र में बदलने का। तुमने कहा था हमेशा साथ रहेंगे, पर यकीन नहीं रहा तुम्हें जो बदल गए। दिल टूटा है, आँसू बहने लगे हैं, क्या करे, जीने की चाहत […]

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विरह कविता

विच्छेद: दर्द और अलगाव

तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी सी लगती है, दिल में छेद कर जाती हैं खुशियां तुम्हारी यादों से। सबकुछ था मेरे पास जब तुम थी मेरे साथ, पर तुम्हारे जाने के बाद सब कुछ और हो गया अधूरा। क्यों चली गई तुम मेरे जीवन से इतनी दूर, मेरे दिल में हमेशा रहोगी तुम खुशियों की सूरत […]

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विरह कविता

विच्छेद के दर्द से

तेरे जाने के बाद दिल में छाई है नफरत चाहत का रंग उड़ गया है तेरे खोने के बाद छिन गया है हर सपना हर ख्वाब टूट गया है तेरे साथ के पलों का सुख अब जीने में रौनक डूब गया है दर्द भरी यादें चिताईं हैं दिल की धड़कनें चीरती हैं तेरे बिना जीने […]

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विरह कविता

संवाद टूटा

टूट गया दिल एक बार फिर, कैसे कहूँ कि मैं अब नहीं तेरे लिए हूँ।। तेरे दिल की गहराइयों में, मैंने खो दिया अपना सब कुछ। पर तेरे दिल में मेरी कोई जगह नहीं, फिर भी तू मेरे बिना कैसे रह पाएगा।। वो लम्हे जो हमने साथ बिताए थे, वो गीत जो हमने साथ गाए […]

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विरह कविता

विचूट

तुम साथ चले, मेरे सपनों के सहारे, पर गुज़र गया वक्त, जब तुमने किया प्यारे। वो दिन थे खुशी के, हमारे साथ बिताए, लेकिन आज क्यों लगे हैं, तुम्हारे बिन सहारे। धीरे-धीरे बढ़े अलगी दूरियों का फासला, कोई ना था ज़िम्मेदार, कोई ना था कमजोर। शायद हमारा संबंध, था भगवान की इच्छा, लेकिन मिट्टी के […]

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