विरह कविता

विरह कविता

ब्रेकअप की कठिनाइयों का कविता

तुम्हारे बिना ये ज़िंदगी अधूरी सी लगती है, क्योंकि जिन्दगी में बिना तुम्हारी, सपने उंगलियों से निकलते है। तुम्हारी यादों से हमारे दिल को चोट लगती है, जैसे किसी चीज को खो कर हम खुद को भी खो जाते है। तुम्हारे साथ गुज़री हर पल को हम दिल से याद करते है, पर अब तुम्हारी […]

और पढ़ें...
विरह कविता

विच्छेद की यात्रा

तुम्हारे बिना मेरा दिल दुखी है, ख्वाबों की तरह तू खो गई है। तेरी यादों में जीना मुश्किल है, बस तेरे बिना सब कुछ अधूरा है। मोहब्बत की राह में टूट गई, दर्द भरी ये कहानी खुद से लड़ी। तेरी जुदाई ने मेरी रातें सुनी, अब तेरे बिना दिन भी सुना सुना है। तू गई […]

और पढ़ें...
विरह कविता

विच्छेद: एक अलगाव

तेरी यादों के सहारे, मैं जीता था हर बार। पर तू चली गई मेरे जीवन से, छोड़ के मेरे दिल को बेचैन। तेरे बिना कैसे जिए, मैं ये नहीं जान पाता। तेरी यादों से भरपूर, मेरा दिल अब रो देता। तुझसे मिलकर मिलती थी, खुशियां सारी मुझे। पर अब वो सभी लम्हें, लगते हैं बेमिसाल। […]

और पढ़ें...
विरह कविता

दिल का बंधन टूटा

तुमने तोड़ दिया दिल मेरा, क्यों मिला था मुझसे प्यार करके? क्या कसूर था मेरा, जो तुमने किया इतना बेकार करके। जब भी याद आती है तेरी, दिल दहल जाता है मेरा। तूने तोड़ दिया है यारा, अब कैसे जिऊं में तेरा। तुझसे मिलने की चाहत है, पर अब तू दूर है मेरे पास से। […]

और पढ़ें...
विरह कविता

विचलित विश्वास

इस तन्हाई में जब सब छूटे, तेरी यादों के साथ मेरी खुशियाँ भी लुटे। वो दिन, वो पल, जब हम साथ थे, बीते वक्त को फिर से जीने की चाहत थी। पर क्या करें, हालात की मजबूरी, तेरी बिना जीने की अधूरी तकदीरी। मन में कहीं बातें दबी हुई हैं, तेरी छुट्टी ने जीने की […]

और पढ़ें...
विरह कविता

अब तुम्हें मेरा साथ नहीं

तुम्हारी यादों के सहारे अब जीने की चाहत नहीं है। तुम्हारा ख्याल अब दर्द बन गया है मेरा दिल अब तुम्हें भूलने की कोशिश कर रहा है। तेरे बिना जीना मुश्किल है प्यार का जो वादा था वो अब जाने कैसे टूट गया है। तुझसे मिलने की ख्वाहिश है मगर तेरी यादों से बेहतर है […]

और पढ़ें...
विरह कविता

दिल का टूटना (Heartbreak)

तुम्हें छोड़ दिया है, मुझे तुमसे प्यार था, दिल टूट गया है, ये रूह रो रही है। तेरे बिना जीना चुपचाप मरने से कम नहीं, तुझसे मोहब्बत का सच ये दिल घोर बरसात है। क्यों चला गया तू मेरी जिंदगी से दूर, क्यों तूने तोड़ दिया ये दिल जो तुझसे प्यार करता था। तू ढूंढ […]

और पढ़ें...
विरह कविता

विच्छेद के आंसू

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है, दिल को दर्द से भरपूर कर दिया है। तुम्हारे साथ गुजरी हर पल, अब वो पल कैसे भूला। तुम्हारे जाने के बाद, जीना अब बस एक सजा है। तेरी यादों में खो जाना, दर्द को सहने का जतन करना। वो दिन वापस लौट नहीं सकते, तुम्हारे साथ बिताए हुए पल। […]

और पढ़ें...
विरह कविता

अलविदा की सजा

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है, ब्रेकअप का अहसास दर्दनाक है। क्यों हो गया हमारे बीच ये अंत, तुम्हारी यादें भर आती हैं हर पल। मोहब्बत के सपने बिखर गए, दिल के तुकड़े दरिया में बह गए। अब तुम्हारी खोज में रातें कटती हैं, तन्हाई में दर्द को छुपाकर रोती हैं। भूल न सके तुम्हें कभी […]

और पढ़ें...
विरह कविता

विच्छेद की रात्रि

तुम्हारे बिना ये ज़िंदगी अधूरी है, बेवफ़ाई की तुमने किया बरूरी है। दिल टूट गया, जीना मुश्किल हो गया, धड़कनों की गलियों में तुम्हें खो गया। क्यों किया तुमने ये दिल को चोट, क्यों तोड़ दिया तुमने मेरी खोट। प्यार का सिलसिला अब खत्म हो गया, दो दिलों का मेल अब टूट हो गया। तुम […]

और पढ़ें...