बिछड़ने की ख़ामोशी
- Lokesh T
- May 21, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
टूटना तुमसे मिला था एक नज़दीक, दिल में थी ख्वाबों की गूंज, लेकिन वक्त ने ली वो कलियाँ, जिससे महका था मेरा चाँदनी जुनून। तेरे साथ बिताए वो लम्हे, जिन्हें दिल ने छुपा रखा, अब वो यादें बिन दस्तक, कोने में चुपचाप सड़ रहा। सपने जो रंगीन थे कभी, अब灰 हुए हैं, जैसे बादल, तू […]
और पढ़ें...विराम की खामोशी
- Lokesh T
- May 21, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
विराम तोड़ दीं ख्वाबों की डोर मैंने, दिल के अंधेरों में अब ना सहेगा कोई साया। तुम्हारी यादों की लहरें अब थम गईं, इस राह के मोड़ पर, मिट गया हमारा काया। सपने जो देखे थे, वो बिखर गए एक पल में, ख़ुशबू से भरी थी, अब वीरान है ये मन का बाग़। तेरा साथ […]
और पढ़ें...टूटे दिल की गूंज
- Lokesh T
- May 20, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का दर्द चाँदनी रात में एक साया था, तेरे साथ में जो एक सपना था। बातें थी हमारी, जैसे गुलाब के फूल, अब वो सब है बस, एक अधूरा काश। वो हंसी, वो ख्वाब, सब खो गया, दिल की गहराइयों में अंधेरा छा गया। तेरी यादों का कर्चा बड़ा भारी, हर नुक्कड़ पर तेरी […]
और पढ़ें...विरह की विरासत
- Lokesh T
- May 20, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
विरह की रात चाँदनी रात में, तन्हाई की बातें, ख्वाबों के शहर में, अब नहीं वो साथ हैं। तेरे हंसी के पल, अब यादों में गूंजते, खुशियों की तस्वीरें, अब बस धुंधले हैं। वो मीठी बातें, अब कड़वी लगती हैं, दिल के वीराने में, बस तन्हाई चुप्पी है। जब भी निकलता हूँ, तेरी राहों से […]
और पढ़ें...टूटते रिश्ते की चुभन
- Lokesh T
- May 20, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का दर्द चली गई तुम, मेरे ख्वाबों की रानी, सपनों की दुनिया, अब लगती वीरानी। हर लम्हा तेरे बिना तन्हा सा लगे, दिल में उमड़े जज़्बात, बस चुपके रहे। तेरी हंसी की गूंज, अब सुनाई नहीं देती, तेरे बिना ये दुनिया, अधूरी सी लगती। छोटी-मोटी बातें, वो प्यारे से लम्हे, सादगी में बसी थी, […]
और पढ़ें...विरह के रंग
- Lokesh T
- May 19, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
यहाँ एक कविता है ब्रेकअप पर: तुमसे मिली थी, सपनों की रेशमी डोरी, अब वो लम्हे हैं, बस एक अधूरी कहानी। चने हुए थे हम, साथ चलने की राह पर, अब तन्हाई में, बट रहा है ये अफसाना। तेरी आँखों में था चाँदनी का तारा, लेकिन धीरे-धीरे, सब कुछ हो गया धुंधला। हंसते थे हम, […]
और पढ़ें...बिछड़ने की खामोशी
- Lokesh T
- May 19, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ते सपने तुमसे मिले थे जब ख़्वाबों में, दिल की धड़कन ने गाया था गीत, अब राहें जुदा हैं, ख़ामोशी का आलम, वो प्यार भरे पल, बस रह गए हैं मीत। तुम्हारी हंसी की गूंज अब, खामोशी में गुम हो गई, जिन आँखों में देखा था मैंने, उन्हें अब एक अजनबी लगी। कभी जो थे […]
और पढ़ें...टूटते रिश्तों की सदाएं
- Lokesh T
- May 18, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की परछाइयाँ तुमसे मिले थे जब हम, खुशियों का था हर मौसम, सपनों की महक से भरा, हर लम्हा जैसे एक कुसुम। पर अब वे दिन हैं दूर, सिर्फ यादों का है दौर, तेरे बिना हर पल अधूरा, जिन्दगी का ये नया सफर। तेरे साए में ढूंढा मैंने, खुशियों का हर एक रंग, पर […]
और पढ़ें...विराम के क्षण
- Lokesh T
- May 18, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
टूटना दिल की गहराइयों में एक दर्द छुपा है, तू कहीं और है, ये खामोशी सज़ा है। वो हंसी, वो बातें, अब सिर्फ एक याद हैं, तेरे बिना ये दीवाना, बस खामोश रात है। ख्वाबों में आता है तेरा मधुर चेहरा, फिर वो सपनों का बाग़, है वीरान अब मेरा। तेरी आहटों में बसी जो […]
और पढ़ें...विराम के पल
- Lokesh T
- May 18, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की रात चाँद की चाँदनी में, दिल की बात छुपी, तेरे संग बिताए, वो सारे पल रुकी। हंसी के जज़्बात, अब क्यों यूं बिखरे, तू और मैं, जैसे दो बादल बिछड़े। तेरी यादों की खुशबू, अब तल्ख हो गई, हर ख्वाब अधूरा है, हर खुशियाँ खो गई। तूने जो वादे किए, वो सब झूठे […]
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