विराम के पल
- Lokesh T
- May 18, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की रात चाँद की चाँदनी में, दिल की बात छुपी, तेरे संग बिताए, वो सारे पल रुकी। हंसी के जज़्बात, अब क्यों यूं बिखरे, तू और मैं, जैसे दो बादल बिछड़े। तेरी यादों की खुशबू, अब तल्ख हो गई, हर ख्वाब अधूरा है, हर खुशियाँ खो गई। तूने जो वादे किए, वो सब झूठे […]
और पढ़ें...विराम पत्र: बिछड़े दिल की कहानी
- Lokesh T
- May 17, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का दर्द तेरे बिना हर शाम अधूरी है, ख्वाबों की मूरत अब बेचारी है। तेरी यादों के साये में जीते हैं, हर सांस में तेरा नाम बसा हुआ है। तू चली गई जब से, ये दिल है सुनसान, वो लम्हे, वो बातें, सब हैं अब वीरान। खुशियों का राग अब अपने पर奏 नहीं, वो […]
और पढ़ें...विराम का पल
- Lokesh T
- May 17, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का दर्द तेरी यादों की हर एक लहर, दिल में उठती है एक नज़र। सपनों की दुनिया बिखर गई, आँखों में आंसू, मन में सिहर। तेरे संग बिताए पल, अब बस एक गहरा खलिश। कहाँ खा गया वो प्यार, जो था एक वक्त की मिठास। दिल के जज़्बात अब सूने, खामोश हैं, जैसे चाँद […]
और पढ़ें...दिल की दरारें
- Lokesh T
- May 17, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
विराम की थी रात चाँद की चाँदनी में, तन्हाई की बातें, दिल में उठते जज़्बात, अब कैसे हैं राहतें। वो ख़ुशबू, वो हंसी, सब खो गया है, एक अधूरी प्रेम कहानी, बस रो गया है। सपनों की रंगीनियाँ, अब हैं धुंधली, तेरे बिना ये राहें, हैं क्यों इतनी सुनसान। जो वादे किए थे, अब सब […]
और पढ़ें...विराम की राहें
- Lokesh T
- May 16, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का दर्द तेरे बिना ये रात है वीरान, दिलो में अब है सिर्फ़ पश्चाताप। ख्वाबों में जो थे रंगीन, अब हैं बस सुलगते सवाल, क्यूं? तेरी हंसी की गूंज अब सुनाई नहीं देती, हर मोड़ पर बस तेरी यादें हैं जकड़ी। दिल के कोने में छुपी हैं बातें, जो कभी निभाई थीं, अब हैं […]
और पढ़ें...टूटने की चुप्पी
- Lokesh T
- May 16, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की घड़ी आई, आंसू संग लहराए, दिल की धड़कनें थमीं, यादों के बादल छाए। छूट गया हाथ तेरा, वो मिठास भरे क्षण, हर कंठ में गूंजे हैं, वो प्यारे बिछड़े गीत। चाहत की राहों में, ख सपनों की गाड़ी, समय ने तोड़ा जो, वो ख्वाबों की साड़ी। तेरे बिना ये शहर, अधूरा सा लगता […]
और पढ़ें...टूटे सपनों का सफर
- Lokesh T
- May 15, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की बेला खुशियों के दिन थे, संग तेरे बीते, चाँदनी रातों में, सपने हम जीते। फूलों की महक में, तेरा नाम था, अब इन धुंधलियों में, बस सन्नाटा थमा। तू साथ थी जब, दिल की धड़कन थी, तू दूर हुई, अब ये आहें रह गईं। वो हंसी, वो बातें, सब बिछड़ गईं, आँखों की […]
और पढ़ें...विराम की विवशता
- Lokesh T
- May 15, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने का मौसम तुझसे जो मिला, वो ख़्वाब सा था, हंसते-खेलते, वो समय सुनहरा था। पर जब बिछड़ने का समय आया, दिल की धड़कन, एक पल में थम गया। तेरे बिना अधूरी, हर एक बात है, आँखों में छुपा दर्द, बस एक रात है। यादों के साये, हर कदम पर साथ हैं, तेरे बिना ये […]
और पढ़ें...विराम का एहसास
- Lokesh T
- May 15, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बेवफ़ाई की परछाईं तेरे ख्वाबों का शहर, अब सुनसान हो गया, पलकों पे रखा था, प्यार अब न गुमान हो गया। हर लम्हा तेरा, जैसे सुबह का सूरज, अब काली रातों में, बिछड़ने का आंसू बन गया। तेरे हंसी-ठिठोली, जैसे मीठी यादों की बातें, अब दर्द की लहरों में, हर मोड़ पर बस ख़ामोशी है। […]
और पढ़ें...विराम की परछाई
- Lokesh T
- May 14, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
बिछड़ने की रात तारों भरी रात, चाँद का उजाला, तेरे बिना सब कुछ, फीका सा लगता। ख्वाबों में रंग, अब धुंधले से हैं, तेरे हँसने से जो, दिल में बहार था। वो सुनहरी यादें, अब दुख बन गईं, हर मुस्कान में, तेरे चेहरे की छवि। तू चली गई, छोड़कर यह सारा जहाँ, मेरी दुनिया में, […]
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