Day: May 4, 2025

विरह कविता

विराम की छाया

अधूरा सपना तूने कहा था, प्यार सच्चा है, हमारी राहें अब क्यों जुदा है? हर मुस्कान में छिपा था एक राज, अब ये दिल है, बस तन्हा राज। तेरी यादों में लिपटा है मेरा हर ख्वाब, तेरे बिना ये जग लगे बेताब। जो साथ रहा, वो दिन थे सुनहरे, अब सब दिखते हैं जैसे स्याह […]

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प्रेरणादायक कविता

सपनों की ऊँचाई

प्रेरणा की किरणें सपनों में बसी एक नई कहानी, हर कठिनाई में छिपी है तरानी। चढ़ते जाओ, मत रुकना कभी, हर मुश्किल पर यूं ही हंसते जाओ! सपने फूलों की तरह खिलें, हर राह में नई उमंग मिलें। हर अंधेरे से तुम डरना नहीं, अपने क़दमों से हैं तूफान भी झुकें। खुद पर यकीन रखो, […]

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प्रेम कविता

प्रेम की मधुर गूंज

प्रेम का रंग तेरे बिना, ये मन उदास है, तेरी हंसी, जैसे चाँद की आस है। तेरे साथ, बहारों का मौसम, तेरे बिना, हर सांस है एक किस्मत का अक्स है। तेरे नयनों में, छिपा है जादू, तेरे स्पर्श में, मिलता है राहत का साजू। हर लम्हा, तेरा एहसास है, मेरे दिल का तू, सबसे […]

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विरह कविता

विराम की लकीर

बिछड़ने का वक्त आया, दिल में दर्द की गहराई, जो बातें थी कभी प्यारी, अब हैं खामोश, अलबेली। ख़्वाबों के मेले में खोए, साथ चलते थे दिन रात, अब खामोशियों की गूँज में, बस यादें रह गईं साथ। दिल की धड़कनों में छुपा था, एक दर्द भरा संगीत, तेरे बिना अधूरा हुआ मैं, जैसे बिना […]

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प्रेम कविता

प्रेम की मधुरिमा

प्यार की कड़ी जब पहली नजर में देखा तुझको, दिल ने कहा, ये तो मेरी धड़कन है। तेरी मुस्कान में बसी खुशी की बौछार, जैसे बहारों में खिलता हर एक फूल का प्यार। तेरी बातों में हैं जादू की मिठास, जैसे चाँदनी रातों में बहे जामुन का रस। तेरे साथ बिताए हर एक लम्हा, खुद […]

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