विच्छेद की अध्याय
- Lokesh T
- January 26, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
तेरे बिना जीना मुश्किल हो गया, अब तक तुझे भुलाने की कोई कोशिश नहीं की है। साथ होते थे हम हर वक्त, अब वो पल भी बित कर गया। तेरे साथ गुजरे हर पल याद आते हैं, मेरी रूह तक छू जाते हैं वो स्मृतियां। प्यार की कहानी भी अब खत्म हो गई है, हर […]
और पढ़ें...प्रेरणा: जीवन की ऊंचाइयों का लक्ष्य
ऊँचाई को छूने का है इरादा, जागता है वो जो मिट्टी से बना। हौसला बुलंद और जूनून अजीब, इनसे जलती हैं तारों की राहें। कामयाबी की चाह में जलते हैं हर दिन, मुश्किलों को पार करते हैं जो सिर। अमिताभ की तरह चमकेगा ये जहां, जब हमारे कार्यों से मिलेगी मिट्टी की खां। सफलता का […]
और पढ़ें...विच्छेद की तक़दीर
- Lokesh T
- January 26, 2025
- Breakup Poems
- विरह कविता
दिल टूटा है, बिखर गया हूँ, तुम्हारे बिना पलकों में नमी सी है। ख्वाबों का घर मेरा भी अब खाली है, तुम्हारे साथ जीने का सफर अधूरा है। तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है, तुम्हारी ज़रा सी यादों से दिल भर आता है। अब तुम्हें खो बैठा हूँ, मेरे दिल का हर रास्ता अब तुम्हारे बिना […]
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