बिछड़न की धड़कन
- Lokesh T
- November 17, 2024
- Breakup Poems
- विरह कविता
तोड़ दिया दिल को मैंने, तोड़ दी उम्मीदें, वो छोड़ गया मुझे अकेली, मेरे दिल को तन्हाई में छोड़ दिया। जब उसने कहा अलविदा, मेरी रुह सुनी हो जैसे, जीवन की मुसीबतों में डूबी, मेरी आँखों में नज़रें नमी पाई। कितना मुझे चाहा था, मैंने उसे नहीं समझा, क्यूँ बिगड़ी मेरी किस्मत, आखिर क्या कसूर […]
और पढ़ें...प्रेरणा की ताकत
प्रेरणा से भरा है जिन्दगी का सफर, खोज रहे हैं वो नए सपने अपने आकर्षण से भरपूर। हर कठिनाई से लड़ने की है शक्ति, मन में निरंतर जलती है ज्योति। आगे बढ़े अगर तू अपनी मंजिल की ओर, उस महान ऊर्जा से होगा तू संयमित और शक्तिशाली प्रवाह। विश्वास रख मजबूत अपनी मेहनत में, जीवन […]
और पढ़ें...प्यार की कहानी (Pyar Ki Kahani)
- Lokesh T
- November 17, 2024
- love poems
- प्रेम कविता
प्यार की जादूगरी, दिलों को बहलाती, हर रोज़ नए ख्वाब लाती। दिल में छाई बूंदें प्यार की, सजते हैं खुद में हर बार की। दर्द भरी राहों में भी, प्यार की एक मिठी मुस्कान होती। धड़कनों में बसी एक उमंग है, प्यार का रंग, जीवन को सजाती। एक दूसरे के लिए हो जान, प्यार का […]
और पढ़ें...ब्रेकअप: दिल की कहानी
- Lokesh T
- November 17, 2024
- Breakup Poems
- विरह कविता
तुम्हारी यादें आती हैं, दिल को छू जाती हैं, तुम्हारी मोहब्बत की गलियों में, हमेशा खो जाती हैं। हमने तुमसे कहा था, हमेशा साथ रहेंगे हम, पर क्या करें ये किस्मत है, जो हमें अलग कर दिया हम। तुम्हारी आँखों में छुपी हर बात, अब लगती हैं भीड़ में खोती हैं, तुम्हारी हंसी, तुम्हारी मुस्कान, […]
और पढ़ें...प्रेम की मिठास – Prem Ki Mithaas
- Lokesh T
- November 17, 2024
- love poems
- प्रेम कविता
प्यार का रंग दिल के तरंग, जीवन की दास्तां काजल की रुथ कवितां। प्यार की निगाह दिलों को छू जाए, सजनी की पुकार दिल को बहलाए। मोहब्बत की बातें, इश्क़ की यादें, दिल में छाई है वो खुशबू की मिसालें। रग रग में बसी है प्रेम की कहानी, जगाए हमेशा हर खिल्ली बहानी। हो जाए […]
और पढ़ें...विछोड़ का दर्द
- Lokesh T
- November 17, 2024
- Breakup Poems
- विरह कविता
तुम्हें छोड़ कर मैंने खुद को ढूंढ़ा, कोई दुख हो या ख़ुशी, जाने कितने सवाल खुले रह गए। तुम्हारे साथ गुज़री हर पल मुझे याद आता है, क्या मैंने कुछ ख़ता की थी, क्या मुझसे भी प्यार पाया था। तुम्हारे अब वो जान बनकर भी दिखते नहीं, क्या तुमने मेरे ख्यालों को कभी समझा था। […]
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