Month: August 2024

प्रेम कविता

संबंधों का अनूठा संगम

प्रेम की धुन तेरे बिना अधूरी थी मेरी हर ख़ुशी, तेरे साथ बंधी है अब मेरी हर रूह की रसी। तेरी आँखों में बसी हैं ख्वाबों की रातें, तेरी मुस्कान में छिपी हैं, मेरी हर बातें। जब से मिले हैं हम, सूरज ने भी मुस्काया, चाँद ने फिर से अपनी चाँदनी से गुनगुनाया। तेरे बिना […]

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प्रेम कविता

समानता का मिलन

तुम्हारी यादों की खुमारी में, हर लम्हा मैं खो जाता हूँ, तुम्हारे बिना ये जीने की राह, खुद से भी मैं डर जाता हूँ। तेरी आँखों की चमक, जैसे चाँद की रोशनी, मेरी रातों को सजाती, मेरी खामोशी। तेरी बातें, जैसे मधुर बूँदें बहे, सपनों की उन गलियों में, तुम ही तुम बहे। तुम्हारे साथ […]

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प्रेम कविता

तेरे बिना

तेरे बिना तेरे बिना ये चाँदनी रात अधूरी, तेरे बिना हर धड़कन है नज़दीकी, जियें हम कैसे, ये पल हैं बेगाने, तेरे ख्वाबों में खोई, मैं हूँ तेरा साया, तेरे बिना जीवन, जैसे ताल हैं सूने। तेरी यादों की महक से महके ये जहाँ, तेरी हंसी से रोशन हो हर एक नज़र, तेरे नर्म लफ्ज़ों […]

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