हंसी के राजा हम पार्टी के राजा,
कहानियां हमारी हंसी की झूला देती चाहे जब मौसम रहे खराब,
हमसे जो भी मिलता है, बन जाता है हास्य जब व्यस्त होता सवाल या कॉमेडी,
नए चेहरों की खोज में हम हैं बड़े लोकप्रिय,
हमसे मिलने आए महफ़िलें, जहां होती है खुशी की लुत्फ,
हमसे ही सिखता है जीने का तरीका ये समाज,
हंसी की दुकान हमारी, बस हंसी है सब कुछ हमारी।
-कवि लोकेश
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