प्रेम की धुन
तेरे बिना अधूरी थी मेरी हर ख़ुशी,
तेरे साथ बंधी है अब मेरी हर रूह की रसी।
तेरी आँखों में बसी हैं ख्वाबों की रातें,
तेरी मुस्कान में छिपी हैं, मेरी हर बातें।
जब से मिले हैं हम, सूरज ने भी मुस्काया,
चाँद ने फिर से अपनी चाँदनी से गुनगुनाया।
तेरे बिना ये मन मेरा, सहरा सा सूना,
तेरी बाहों में बसी है, मेरे दिल की धुन।
तेरी हंसी में मिला है, सारा जहाँ मेरा,
तू ही है मेरी ताकत, तू ही है मेरा नज़ारा।
तेरे साथ बिताया हर पल, जैसे सपना हो प्यारा,
तेरे प्यार की खुशबू से, महका ये सारा नज़ारा।
जब तू पास होती है, समय थम सा जाता,
हर लम्हा तेरा, जैसे मन का कोई मंतर जाता।
तेरा नाम लूँ जुबां से, जैसे कोई पूजा हो,
तेरे प्रेम में बसा है, सारा सृष्टि का मूर्त रूप।
हर धड़कन में बसी है, तेरा इश्क़ का जादू,
तेरे साये में मिलती हैं, ज़िंदगी की राहत।
तेरे बिना जो गुज़रे, वो पल हैं मेरे रोने के,
तेरा प्यार है मेरी ज़िंदगी के, सच्चे होने के।
इस दिल की दीवारों पर, तेरा नाम लिखा है,
तेरे बिना मेरा हर पल, सूना-कला सा है।
तेरा प्रेम है मेरे जीवन का, सबसे प्यारा गीत,
तू ही है मेरी धड़कन, तू ही है मेरा प्रीत।
-कवि लोकेश
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