टूटना
दिल की गहराइयों में एक दर्द छुपा है,
तू कहीं और है, ये खामोशी सज़ा है।
वो हंसी, वो बातें, अब सिर्फ एक याद हैं,
तेरे बिना ये दीवाना, बस खामोश रात है।
ख्वाबों में आता है तेरा मधुर चेहरा,
फिर वो सपनों का बाग़, है वीरान अब मेरा।
तेरी आहटों में बसी जो खुशबू थी,
अब लगती है जैसे, एक भूतिया सेहरा।
नज़रों से छुपा वो जज़्बात का सागर,
तूने ही तो रखा इसे, अब ये है बंजर।
किस्से सुनाते थे, प्यार की मोहब्बत में,
अब तो बस रह गई, एक अधूरी तस्वीर।
दिल की उलझनों में ना कोई हल है,
तू नहीं, फिर भी तेरा ही एहसास है।
बिछड़कर भी तूने दी जो खुशियाँ मुझे,
उन यादों के सहारे, जी लूँगा मैं ख़ुद से।
टूटना भी सीख लिया है हमने इस सफर में,
कभी मुस्कुराओगे, कभी रो लेंगे सभी मंजर में।
जिन्दगी ने सिखाया, हर एक मोड़ पर,
प्यार में टूटना भी, है एक नया सफर।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.