अधूरा सपना
तूने कहा था, प्यार सच्चा है,
हमारी राहें अब क्यों जुदा है?
हर मुस्कान में छिपा था एक राज,
अब ये दिल है, बस तन्हा राज।
तेरी यादों में लिपटा है मेरा हर ख्वाब,
तेरे बिना ये जग लगे बेताब।
जो साथ रहा, वो दिन थे सुनहरे,
अब सब दिखते हैं जैसे स्याह अंधेरे।
तेरे न होने की खामोशियां गहरी,
हर पल की नीरसता अब रही है सेहरी।
बिछड़ने की ये दास्तान सुनाते हैं,
दर्द को सहते हैं, मुस्कुराते हैं।
लेकिन फिर भी, दिल में है एक उम्मीद,
एक नई शुरुआत, एक नई ताजगी की breed।
जो टूटा, वो सपना फिर से बनेगा,
दिल का हर घाव, एक दिन जुड़ जाएगा।
इस मोहब्बत की राह में, कभी लहू बहेगा,
फिर भी हर दिल में, एक नया कहानी चलेगा।
संजीवनी की तरह, प्यार फिर जिएगा,
अधूरा सपना, फिर से पूरा बनेगा।
-कवि लोकेश
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