तुम्हारा दिल टूटा, मेरा दिल भी टूटा
क्यों मोहब्बत की राह पे आए थे हम
खुदा से दुआ मांगी हमने
पर क्या करे, हमारा वो रिश्ता ही था अधूरा
तुम्हें खोना था, मुझे छोड़ जाना था
तुमने मुझसे कहा कि तुम्हे अब मुझसे प्यार नहीं
दर्द था, मगर मना था कर लेना
क्यों कि अब तुम्हें मेरे साथ रहना नहीं
चले गए तुम, मैं अकेली रह गई
खुश रहो तुम, मगर मुझे छोड़ के क्यों गई?
-कवि लोकेश
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