तमाम ख्वाब जो साथ चले थे,
बिछड़ के एक ख्वाब बन गए।
तेरे साथ हर रोज़ बितायी रातें,
अब तेरी यादों में पलकें भर आयीं।
क्यों कर गया तू दिल मेरा तोड़ना,
क्यों बना दिया मुझे तुझसे छोड़ना।
तेरी आवाज़, तेरी मुस्कान, सब कुछ याद आता है,
पर कुछ मजबूरियों में हमें अब भूल जाना।
ये ब्रेकअप का दर्द है अनजान,
क्या कहें अब ऐ इश्क़ के दान।
प्यार का सफर कत्ता हो गया,
दोनों के बीच ये अंजाम हो गया।
मुझे तेरी यादें बहुत तड़पायेंगी,
पर अब कोई अपना सफर पुराना हो गया।
ब्रेकअप की ये कहानी,
दिल के अंदर होता है संवारनी।
अलविदा कहने में कितना दर्द है,
पर हर किसी को अपना नसीब स्वीकारना है।
ब्रेकअप का सच सबको निभाना है,
और आगे बढ़कर अपनी ज़िंदगी को सजाना है।
अपनी मंज़िल की तरफ आगे बढ़ते रहना है,
क्योंकि इस दुनिया में सब कुछ अपनी जगह फिट आना है।
तो इस ब्रेकअप के बावजूद भी,
मोहब्बत को हम संभालने जाकर ही सिखायेंगे।
-कवि लोकेश
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