तेरे जाने के बाद,
दिल में खामोशी छाई है,
अब तन्हाई के संग,
अब गमों की लहराई है।
तू मेरे दिल की राहों में,
अब नहीं है मेरे साथ,
तेरा साया बिखर गया,
मेरे होंठों पर हसीं की बात।
कैसे भूला दूं ये दिल को,
तेरी चाहत की झलक,
कैसे मारूं जीते गुदगुदाहटों को,
जो अब दिल में बसी है समझात।
इस अलविदा को कैसे कहूँ,
कैसे संभालूं ये टूटा हुआ दिल,
तेरे बिना जीना मुश्किल है,
चाहत का अधूरा सिलसिला है।
पर जब भी आएगी तेरी यादों की बारिश,
दिल में फिर से उठेगा एक आवाज़,
कहती होगी तू मुझे फिर से पुकार,
पर मैं हो रहा हूँ तू कहाँ है, कहां है।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.