तेरा जाना, मेरा रूह को छू गया,
बिना तुझे मेरी जिंदगी बेवजह लगने लगी।
तेरी यादें छेड़ती हैं मेरे ख्वाबों में,
चीर देती हैं मेरा दिल, तेरे बिना जीने में।
तेरी मुस्कान, तेरी मीठी बातें,
अब वो सब कुछ मुझे ताकलीफ बन गया है।
तू तो गया, मगर मेरी यादें हमेशा रहेंगी,
जिंदगी भर मुझे तेरा इशारा याद रहेगा।
अब एक तरफ तू, और एक तरफ मैं,
ये ब्रेकअप की कसक नहीं हो पा रही है।
मगर फिर भी, एक आस बाकी है,
कि शायद किसी दिन फिर मिल जाएंगे हम।
ताकि फिर से मुस्कानें लौट आएं,
और हम फिर से साथ में हंसे।
बस, इसी आशा के साथ,
अब मैं जी रही हूँ इस तन्हाई में।
तेरे बिना, मेरा जीना सहानुभूति सी हो गया है,
पर फिर भी, मेरे दिल में बसी है वो खामोशी।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.