तेरे बिना जीना सजना,
ये दिल है तेरे लिए तरसा,
तूने मुझे छोड़ दिया अब,
मेरी जिंदगी में आया सुना।
क्यों की अब तू दूर चला,
मेरी यादों में उँस चला,
कैसे सह सकूं मैं ये दर्द,
तेरे बिना क्या जी सकूं सक्रैर्ड।
तूने तोड़ दिया दिल मेरा,
मेरी ताक़ते छीनी है तेरा,
कैसे भूला सकूं तुझे,
तेरे बिना कैसे रहूं अब खुश।
अब मोहब्बत का है ये फसल,
तेरे साथ बिताए दिनों में बसल,
तू नहीं है यहाँ मेरे पास,
दिखता है सब कुछ अब बेमानी में मांग।
तेरे बिना जीना सजना,
अब है ये जीवन सूना,
तूने मुझे छोड़ दिया अब,
अब करूं मैं कैसे खुदा।
-कवि लोकेश
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