तुझसे जुदा होकर,
अब छूट गया दिल सारा।
तुम्हारे बगैर कैसे चलूं,
खुद से ये बता न पाऊं।।
तेरी यादों ने सताया,
मुझे रातों में जगाया।
क्या दोबारा वापस आओगी,
मेरा दिल ये पूछता है।।
तेरे बिना कैसे जी सकूं,
कैसे नजदीकियां बनाओ।
प्यार का अंजाम क्या होता है,
हर रिश्ते में ये जान लेते हैं।।
लेकिन तेरे साथ जो था वो,
हर लम्हा खुशी से भरा था।
अब तेरे बिना मेरा दिल जलता है,
कैसे ये भूला पाऊं।।
चाहते हो तुम मुझे भी,
फिर क्यों ये दूरी बढ़ा दी।
ए दिल भर आँखों से आंसू बह ले,
जमाना क्या कहेगा कुछ फर्क नहीं पड़ेगा।।
-कवि लोकेश
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