तेरे इश्क में मेरी रौशनी खो गई,
तेरे बिना मेरा जीना फिर से दर्दनाक हो गई।
तू ने तोड़ दिया मेरा दिल बिना किसी वारणा,
अब तू मेरी दुआओं में भी नहीं है हर रोज़ याद करना।
चाहा था मैंने केवल तुझे प्यार,
पर तू चली गई मुझे अपने पास ही फेंकर।
वो दिन थे जब तू मेरी जिंदगी की तारांधकार,
आज तेरे बिना मेरी बात कोई बेताब है विवाद।
तेरे साथ जीना था मेरा सपना,
पर तेरे बिना मेरी जिंदगी हो गई पुराना।
तेरे बिना मेरी जिंदगी अधूरी है,
क्यों की तुझे खो कर मेरे दिल की हर धधकन उधारी है।
अब सोचता हूँ क्यों किया भरोसा तुझ पर,
क्यों की तू इतने आसानी से चली गई मेरे दिल के साथ।
तुझसे मिलने की हर रात रोज करता था इन्तज़ार,
पर तू चली गई दूर छोड़कर मुझे तन्हाई के सहारे।
अब वो पल नहीं आएंगे फिर मेरी जिंदगी में,
क्यों की तू चली गई इस दुनिया के अन्य कोने।
लेकिन एक बात तुझे याद रखना है,
मेरी जिंदगी में तू भला कभी वापिस ना आना।
-कवि लोकेश
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