तुम्हें प्यार का रंग चढ़ा,
हमारी मोहब्बत का सिलसिला तोड़ दिया।
दिल में छुपी ये बातें,
आँखों में छुपा के रखी रुखी या दार।
मोहब्बत थी अब तक सजी,
सब कुछ था हमारा पर तुमने तो खेल खिलाड़ी।
अकेलापन ने हमें घेर लिया,
बिना तुम्हारे अब जीना है दुखद सा।
दर्द नहीं कह सकते हम,
क्योंकि अब तुमसे इंकार करना है।
ब्रेकअप का ये दर्द सहन नहीं कर सकते हम,
पर मजबूर हैं इस सच्चाई को जीना है।
तोड़ दिया तुमने हमारी धड़कन,
अब भी हम तुम्हें चाहते हैं अपने मन की आशा।
पर तुमने जो किया वो था गलत,
अब हमें इस सच्चाई को मानना होगा लक्ष्य।
ब्रेकअप की इस सच्चाई से डर लगता है,
पर अंततः हमें इसे केवल स्वीकार करना होगा।
आखिरी बार ये जिंदगी का खेल है,
जितना हो सके तुम्हे भुलाना होगा दोस्त।
-कवि लोकेश
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