बिखरे हुए ख्वाबों की यादें,
अब सिर्फ दर्द और जुदाई की बातें।
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल हो गया,
बस एक ख्याल कि तलाश है दिल में।
तुम थे मेरी जिंदगी की रौशनी,
मगर वो रौशनी अब खो गयी।
दिल के जख़्म अब भी भरे नहीं,
तुम्हारी बेवफाई अब भी झेली नहीं।
कैसे भूला दूँ मैं तुम्हें,
तुम्हारी यादें मेरे दिल में हैं।
तूटे दिल का क्या करूँ मैं,
कैसे झेलूँ इस जुदाई के दर्द को।
जैसे बिना चाँद रात अधूरी है,
वैसे ही मेरी जिंदगी तुम्हारे बिना अधूरी है।
कोई भी उपाय नहीं है दर्द का इलाज,
बस इस अलगाव को एक सच मान लूँ तुमसे।
ब्रेकअप की ये ज़िन्दगी है अब,
इसका दर्द तुम्हारे बिना सहना है मुझे।
मगर मैं सबकुछ झेल लूँगा,
तुझे भूलकर खुद को संभाल लूँगा।
ब्रेकअप की कठिन यात्रा में,
मैं अकेला हूँ और दर्द से लड़ रहा हूँ।
पर धीरे-धीरे मैं दिल को सुकून दूँगा,
और तुझे भूलकर अपने आप को बचा लूँगा।
-कवि लोकेश
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