तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है,
जब से तुमने कहा अलविदा, लगे बस वहीं मौत यह हाल है।
मेरे मन को भीगो दिया तुमने,
बिना कुछ कहे ही मेरे साथ कोई अपराध धो दिया तुमने।
तुम्हें याद करने का हक भी छीन लिया,
लगता है मेरी तन्हाई ने मेरी ही परवाह उड़ा दी।
तुम्हारे जाने के बाद, मैं हूं खुद से खो गया,
कैसे जी लूं अब यह भी मुश्किल हो गया।
ये तो सिर्फ एक अलविदा है सच है,
पर क्या कहूँ, दिल को तकलीफ है।
कुछ अधूरी कहानियाँ और कुछ ख्वाब हैं बचे,
अब तुम्हारे बगैर जीना है सीखना बचा मुझे।
तुम्हें मेरी याद आएगी कभी,
पर अब मैं अकेले चला हूँ अपने राही।
-कवि लोकेश
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