तेरे साथ सजना, दिन रात गुजारना,
क्यों हुआ हमारा दुसरा?
तेरी बिना सुना, दिल मेरा है उदास,
तू चली गई, छोड़ गई मेरी ये जान किसके लिए?
कैसे भूला दूँ, तेरी हंसी और मुस्कान,
तेरी यादों में हूँ मैं दुखी और अकेला,
तू हो छोड़ कर गई, मेरा हाल बुरा,
क्यों किया तू इतना बुरा?
कुछ कहना छोड़ आया, कुछ सोचकर दिखाना,
तू गई मेरे दिल से, तू मेरी ज़िन्दगी का जंजीरा,
तेरी छांव में बिताया हर पल,
अब तनहाई में हूँ बर्बाद हर दिन मुझे मिलता तेरा वो अकेला तराना।
-कवि लोकेश
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