विचलित विच्छेद


तेरे जाने के बाद,
दिल में छाई है खामोशी।
मेरे दिल को तेरी याद,
में छुपा है दर्द की झलकी।।

तुझसे मिलकर हो गई थी,
मेरी दुनिया खुशियों से भरी।
तुझसे बिछड़कर हुआ,
में बेहाली की गहरी।।

तेरे साथ कटे हर पल,
वो यादें अब क्यों बनी है दरिया।
मेरे दिल में बसे है,
तेरी छोड़ी हुई जब तक़दीरिया।।

तू चली गई जिंदगी से,
पीछे छोड़ दिया तूने मुझको।
कभी ना जुदा होती,
इस तोड़ दिया तूने दिल को।।

तोड़ चुका मेरा दिल,
अब कैसे संभलूँ मैं।
तुझसे बिछड़कर हुआ,
मेरा दिल बन गया है रंगीन।।

तू ना आए मेरे ख्यालों में,
क्यों करूँ मैं इतना तड़पना।
अब तेरे साथ नहीं हूँ मैं,
कैसे करूँ मैं इसे भूलना।।

फिर भी आती है तेरी यादें,
जैसे गुनगुनाहट है भरी।
मेरे दिल को छू जाती है,
तेरी बिना आंसू जो बहा है मरी।।

तेरे जाने के बाद,
दिल में छाई है खामोशी।
मेरे दिल को तेरी याद,
में छुपा है दर्द की झलकी।।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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