तुम्हारी यादें छोड़ गया हूँ,
उन लम्हों को फिर से जीने लगा हूँ।
मेरी खुशियों का साथ छिन गया,
तुम्हारी चाहतों को छोड़ गया।
मैंने तुम्हें खो दिया है,
अब तनहाई में खो गया हूँ।
तुम्हें भूलाने की कोशिश कर रहा हूँ,
मगर तुम्हारी छाया में ही जी रहा हूँ।
मेरा दिल टूट गया है,
तन्हाई में कम जलता है।
वक़्त गुज़र गया है,
और में आज खुद को खो गया हूँ।
तुमसे हुई दूरी सही नहीं लगती है,
मगर तुम्हें रोज़ भूलाता हूँ।
अब अकेलेपन में जी रहा हूँ,
तन्हाई में तुम्हारी खोज में हूँ।
ये ब्रेकअप की दर्द भरी कहानी,
एक दूसरे के बिना ज़िंदगी की मुश्किल कहानी।
-कवि लोकेश
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