तुम्हारे जाने के बाद,
मेरी दुनिया टूटी है।
हर रोज़ मुझे लगता है,
तुम याद आते हो सजना।
तेरी यादों से भरी ये रातें,
कैसे गुजरूं मैं तन्हा।
तेरी चाहत से बिछड़ कर,
मेरा दिल हुआ बेवफा।
तुझसे मिलने की ख्वाहिश,
हर रोज़ जलती रहती है।
पर दिल के हर कोने में,
तू ही बसता है रंजना।
क्यों छोड़ा मुझे अकेला,
क्यों तोड़ा मेरे दिल का सिलसिला।
अब तो सहना भी मुश्किल है,
तू नहीं है जीने की वजह।
तेरी यादें हैं कभी भी,
मेरे साथ हर लम्हा।
पर तेरी छोड़ने के बाद,
मेरा जीना हुआ मुश्किला।
लेकिन अब मैं भी तैयार हूं,
तुझे भूलने के लिए।
क्योंकि जब से तू गया,
मेरी जिंदगी हुई बेबसी।
तेरे बिना जीना सम्भव नहीं,
पर अब मैंने सहना नहीं।
तेरे लिए ये कदर थी मेरी,
पर अब तू है बस दुरिया।
लेकिन भीड़ ही रहेगी,
तू मेरा दिल तोड़कर।
पर मैं अब भी संभाला हूं,
तेरे बिना जीना बर्बाद करके।
तुम्हे भुलाना मुश्किल है,
पर क्या करूं इन यादों से।
तुम्हारे जाने के बाद,
मेरी दुनिया बिखर गई।
-कवि लोकेश
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