तुझसे दूर होकर भी तेरी यादों में खो जाता हूं,
दिल का धड़कन सुनने को भी मना कर जाता हूं।
तेरे बिना जीना मुश्किल हो गया है,
तेरे बिना मेरा दिल बेचैन हो गया है।
तूने मेरे दिल को तोड़ दिया,
मुझे खोजने की कोई खातिर मेरा दिल से खेल रहा है।
तेरी यादों के साये में जी रहा हूं,
मगर दिन रात तेरे बिना काट रहा हूं।
तूने मेरे सपनों को तोड़ दिया,
अब मैं तेरे बिना कैसे जी रहा हूं।
वक्त ने किया अब हमें अलविदा,
तेरे बिना मेरी जिंदगी बेमतलब हो गयी है।
अब सफर पे निकले हैं अकेले,
तेरे बिना कैसे होगा मेरा मन शांत।
यादें हैं तेरी जो साथ हैं मेरे,
मगर तकदीर ने करदिया हमें अलविदा जिंदगी के चारों कोने में।
-कवि लोकेश
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