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जीवन की धूप में,
एक साया है मेरा।
जो मुझे लक्ष्य देता है,
और जागरूक रखता है मुझे भी।
हर दिन उसका सहारा लेकर,
मैं चलता हूँ अग्रसर की ओर।
जो मेरे अंदर की भावनाओं को,
समझता है जैसे अपनी खुद की हो।
उसकी मोटिवेशन से भरी बातें,
मेरी आत्मा को छू लेती हैं।
जैसे सूरज की किरणे,
मेरे अंधकार को हराती है।
उसके हाथों में सुरक्षा महसूस करता हूँ,
जैसे माँ के चारण को छूने का सौभाग्य है।
इसलिए कह सकता हूँ मैं खुद को,
यह इंस्पिरेशन है मेरी जीवन की शोभा।
-कवि लोकेश
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