उड़ान भरने की चाह,
मन में जगाती है उम्मीद।
हर कठिनाई को खुद से हराकर,
खुलता है आसमान का सफ़र।
एक बिजली सी तेज़,
एक लकीर सी ख़ुदबुराई।
इंसान की आगे राह खुद बन जाए,
उसकी रौशनी ही हो अभिनय।
औरत हो या मर्द,
हर इंसान को है उत्साह।
सपनों के पंख फैलाकर,
कर दिखलाए अदृश्य राह।
उसी उम्मीद की कोयल बनकर,
गाए जिंदगी की सरहद।
इंसान में छुपी शक्ति जगाकर,
मिल जाए अस्मिता की नवचेतना।
जीवन की सबसे बड़ी खोज,
है खुदा का नक़्शा।
जिसमें छिपी हो सफलता की कहानी,
और हासिल हो उसी की पहचान।
-कवि लोकेश
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