उठो और जागो, क्योंकि सपनों को पाना है,
हार मानो नहीं, जीतना है सिखाना है।
जो दरिया है भविष्य का सहारा,
उस दरिया में समाईये, खुद को पहचान लाइये।
हर कठिनाइयों से जूझो, न डरो,
खुद को अब और निर्बल मत बना दरो।
हर रुकावट को पार करना है,
हर चुनौती को स्वीकार करना है।
आगे बढ़ो, नये मंज़िल की खोज में,
हर दिन अपने सपनों की मज़िल तक पहुँचाना है।
सोचो न की तुम अकेले हो,
तुम्हारे साथ है वो ऊर्जा जो तुम में है छुपा।
उठो और जागो, क्योंकि सपनों को पाना है,
हार मानो नहीं, जीतना है सिखाना है।
-कवि लोकेश
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